बेमेतरा। सरोजनी बाई, पति दयाराम यादव के साथ बेमेतरा जिले के ग्राम सेमरिया में एक छोटी सी झोपड़ी में रहती थी। मिट्टी और घास-फूस से बनी यह झो...
बेमेतरा। सरोजनी बाई, पति दयाराम यादव के साथ बेमेतरा जिले के ग्राम सेमरिया में एक छोटी सी झोपड़ी में रहती थी। मिट्टी और घास-फूस से बनी यह झोपड़ी बरसात में टपकती थी, गर्मियों में तपती थी और सर्दियों में ठंडी हो जाती थी। परिवार को हर मौसम में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
सरोजनी हमेशा एक मजबूत और सुरक्षित घर चाहती थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण यह सपना अधूरा था। एक दिन, उसके लिए खुशखबरी आई—उसका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY-G) में आ गया था! यह खबर सुनकर उसका पूरा परिवार उत्साहित हो गया। जब सरकार से पहली किश्त मिली, तो उसकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए।
सरकार की मदद से उसका नया घर बन गया—एक मजबूत, पक्की छत वाला, सुरक्षित घर! अब बारिश में पानी टपकने की समस्या खत्म हो गई, गर्मी और ठंड से राहत मिल गई। उन्होंने पूरे विधि विधान पूजा-अर्चना के साथ प्रधानमंत्री आवास में गृह प्रवेश किया। उसका परिवार अब सुकून और सुरक्षा के साथ रह सकता है।
सरोजनी कहती हैं, “अब मेरे बच्चे चैन की नींद सोते हैं। हमें एक मजबूत और सुरक्षित घर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का दिल से धन्यवाद!”
प्रधानमंत्री आवास योजना ने न केवल सरोजनी का घर बनाया, बल्कि उसके परिवार को एक नया जीवन और उज्जवल भविष्य दिया। यह योजना हर गरीब परिवार को घर का सपना साकार करने का अवसर दे रही है—जहां हर कोई सुरक्षित, सम्मानजनक और खुशहाल जीवन जी सके।
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