छत्तीसगढ़। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों की स्थिति पर श्वेतपत्र जारी किया है जिसका शीर्षक है ‘आमदनी न हुई दोगुनी दर्द सौ गुना’। प्रदेश ...
छत्तीसगढ़। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों की स्थिति पर श्वेतपत्र जारी किया है जिसका शीर्षक है ‘आमदनी न हुई दोगुनी दर्द सौ गुना’। प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि भारत के गरीब किसानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वायदों पर भरोसा कर उन्हें वोट दिया लेकिन उन्होंने विश्वासघात किया। उन्होंने वर्ष 2016 को बरेली की रैली में किसानों से वादा किया था कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करेंगे। अब 2022 है, आय तो दोगुनी हुई नहीं, दर्द सौ गुना जरूर हो गया।
श्वेत पत्र में सितंबर 2021 में एनएसएसओ की रिपेार्ट का जिक्र है जिसमें 74,000 रुपये प्रति किसान कर्जा हो गया है। भाजपा सरकार कंपनियों के मुनाफ़े की फ़सल बीमा योजना लाई। टैक्स पर टैक्स लगाने के चलते फसलों की लागत में प्रति एकड़ 25 हजार रुपये वृद्धि हो गई है। उन्होंने कहा कि यह सरकार पहली बार किसानों पर टैक्स लाद रही है। उन्होंने कहा कि यूपी में छुट्टा जानवरों का आतंक है और किसान रतजगा कर फसल की रखवाली कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने योजना चलाई, अब वहां आवारा पशुओं की संख्या में कमी आई है। किसानों की डीएपी की समस्या को वर्मी कंपोस्ट के माध्यम से ख़त्म किया। गायों का गोबर दो रुपये प्रति किलो खरीदना शुरू किया और लाखों टन गोबर खरीदा। यूपी में हमारी सरकार बनी तो यही मॉडल लागू होगा।
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