राजधानी समेत प्रदेश में दिसंबर के दूसरे पखवाड़े, खासकर अंतिम सप्ताह में रिकार्ड बारिश हुई। यह इत्तेफाक हो सकता है कि उसी दौरान रायपुर और प्र...
राजधानी समेत प्रदेश में दिसंबर के दूसरे पखवाड़े, खासकर अंतिम सप्ताह में रिकार्ड बारिश हुई। यह इत्तेफाक हो सकता है कि उसी दौरान रायपुर और प्रदेश में कोरोना के केस बढ़ना शुरू हुए और तीसरी लहर की आहट आई। इसके ठीक 15 दिन बाद, अब भी पिछले तीन दिन से बारिश हो रही है और कोरोना के केस बेतहाशा बढ़ रहे हैं।
राजधानी के डाक्टर इसे कनेक्ट नहीं कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने इशारा किया कि मौसम खतरनाक है, सर्दी-बुखार का पूरा खतरा है और अभी अगर सर्दी-बुखार है तो इसे भी कोरोना मान ही लें। राजधानी में पिछले एक हफ्ते से कोरोना संक्रमण का फैलाव काफी तेज है। राजधानी 21 दिसंबर को रायपुर में एक्टिव मरीजों की संख्या महज 37 थी, तो राज्य में 304 मरीज थे। ठीक उसी समय मौसम बदला और चार-पांच दिन तक लगातार बादल छाए रहे तथा रिकार्ड बारिश हो गई। तब से अब तक 20 दिनों में राज्य में एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 23 हजार का आंकड़ा पार कर चुका है।
इसकी वजह भले ही कोरोना के डेल्टा वेरिएंट और ओमिक्रान वेरिएंट को माना जा रहा है, मगर राज्य में तेजी से बदलता मौसम भी कहीं न कहीं वायरस के फैलाव में मददगार साबित हो रहा है। दिसंबर के आखिरी हफ्ते में राज्य में 3 दिन तक लगातार बारिश हुई थी और बीते 100 सालों का रिकॉर्ड टूटा था। तभी से कोरोना ने भी रफ्तार पकड़ी थी। इसके बाद मौसम खुला मगर 8-9 जनवरी से एक बार मौसम की मार पड़नी शुरू हुई है। जानकारों के मुताबिक इस बारिश में भींगने से वायरल इंफेक्शन यानी सर्दी-बुखार का खतरा बहुत अधिक हो जाता है और यही फिलहाल कोरोना के लक्षण हैं, इसलिए इसे डबल अटैक माना जाना चाहिए।
सर्दी-बुखार हो तो खुद को संक्रमित मानें, टेस्ट करवाएं
अंबेडकर अस्पताल के पल्मोनरी विभागाध्यक्ष डॉ. आरके पंडा और महामारी नियंत्रक डॉ. सुभाष मिश्रा का कहना है कि ऐसे मौसम में सर्दी, जुकाम और खांसी अगर मौसमी भी लग रही हो तो खुद को कोरोना संक्रमित मानकर जांच करवा लेनी चाहिए। क्योंकि मौजूदा ओमिक्रान या डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होने वाले व्यक्ति में यही लक्षण पाए जा रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में बदन दर्द, गले में खराश, लगातार नाक बहने के लक्षण भी मिल रहे हैं। इसलिए इन्हें नजर अंदाज न करें।
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