शहर के होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ उत्कर्ष त्रिवेदी ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर ज्यादा भयावह नहीं है लोगों को कोरोना से मानसिक दूरी बनाने क...
शहर के होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ उत्कर्ष त्रिवेदी ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर ज्यादा भयावह नहीं है लोगों को कोरोना से मानसिक दूरी बनाने की जरूरत है,लेकिन यह भयावह हो सकती है जब हम बग़ैर चिकित्सक के सलाह लिए अपनी दवाइयाँ करेंगे,इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अनावश्यक चीजें खाएँगे,व्हात्सप में पढ़कर नए नए तरीक़े आज़माएँगे,इन सब से हमें बचना होगा ।
उन्होंने कहा कि होम्योपैथी में किसी बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है,आज के समय में कोरोना का भय तेजी से फैल रहा है,लोगों में कोरोना मानसिक रूप से आघात पहुँचा रहा है जिसके कारण लोग बीमार हो रहे हैं लोग काफ़ी डरे हुवे है और कोरोंना शारीरिक रूप से ज़्यादा मानसिक संक्रमण हो रहा है,डॉ त्रिवेदी का कहना है कि कोरोना के लक्षण अनेक प्रकार के है
लेकिन कोरोना के नाम पर दवाइयां सबको एक ही दी जा रही है, होमियोपैथी का मूल सिद्धांत लक्षणो पर आधारित होता है ,इलाज इंसान का होता है न की बीमारी का हर व्यक्ति अलग अलग लक्षण को लेकर आता है ,उन लक्षणो का मिलान कर उनके आधार पर चुनी हुई दवाई देने से रोगी आसानी से बग़ैर किसी हानि के ठीक भी हो जाता है ,अभी हमें कोरोंना मरीज़ों में शारीरिक से ज़्यादा मानसिक लक्षण को देखने की भी आवश्यकता है ,कई मरीज़ों में मौत का भय हो रहाहै ,कई डिप्रेशन में जा रहे है
तों कई आत्महत्या करने की कोशिश तक कर रहे है ,अकेलापन कई लोगों के घटक साबित हो रहा हो ,ऐसे मरीज़ को दवाइयों के साथ मानसिक सम्बल की भी आवश्यकता है ,इन सब को समझ के हमें इलाज करने की आवश्यकता है ,डॉक्टरों को चाहिए कि मरीजों से पर्टिकुलर लक्षण के मुताबिक उनका इलाज करें साथ ही मरीजों का उत्साहवर्धन करते रहे जिससे उनमें जीने का हौसला बढ़े।
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