नई दिल्ली/ रायपुर। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि वैवाहिक रेप के मामले में प्रथम दृष्टया सजा मिलनी चाहिए। महिलाओं की यौन स्वायत्तता, शारीरिक ...
नई दिल्ली/ रायपुर। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि वैवाहिक रेप के मामले में प्रथम दृष्टया सजा मिलनी चाहिए। महिलाओं की यौन स्वायत्तता, शारीरिक अखंडता और न कहने के अधिकार से कोई समझौता नहीं हो सकता। जस्टिस राजीव शकधर और सी. हरिशंकर की बेंच ने देश में वैवाहिक रेप को अपराध घोषित करने की मांग को लेकर दाखिल याचिकाओं पर विचार करते हुए यह टिप्पणी की।
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