छत्तीसगढ़ में नन्हे-मुन्ने बच्चों को स्कूली पढ़ाई के लिए तैयार करने के लिए उन्हें बालवाड़ियों में खेल-खेल में शिक्षा दी जाएगी। प्रदेश में प्र...
छत्तीसगढ़ में नन्हे-मुन्ने बच्चों को स्कूली पढ़ाई के लिए तैयार करने के लिए उन्हें बालवाड़ियों में खेल-खेल में शिक्षा दी जाएगी। प्रदेश में प्रथम चरण में 6 हजार 536 शासकीय प्राथमिक शाला में बालवाड़ी शुरू करने की योजना है। इन बालवाड़ियों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। इन बालवाड़ियों का संचालन नवीन शिक्षा सत्र से शुरू हो जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ‘‘मोर बालवाड़ी अवधारणा’’ पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में आयोजित 2 दिवसीय कार्यशाला का 19 अप्रैल को शुभारंभ करेंगे।
कार्यशाला में बालवाड़ी के संदर्भ में आने वाले समय के लिए रोड मैप तैयार किया जाएगा। इसके अलावा बालवाड़ी संचालन के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल, पाठ्यक्रम और संचालन प्रक्रियाओं को विकसित की जाएगी। साथ ही हैण्डबुक, गतिविधि पुस्तकें, टीचर लर्निंग मटेरियल निर्माण के लिए विषय-विशेषज्ञ, चिकित्सकों और अनुसंधान संगठनों के साथ चर्चा की जाएगी। कार्यशाला में राज्य योजना आयोग की शिक्षा सलाहकार सुश्री मिताक्षरा कुमारी, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, विशेष सचिव एवं संचालक एससीईआरटी राजेश सिंह राणा, प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा नरेन्द्र कुमार दुग्गा, संचालक लोक शिक्षण सुनील जैन, यूनिसेफ प्रमुख जॉब जकारिया उपस्थित रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेश में बालवाड़ी योजना का शुभारंभ करने की घोषणा की थी। प्रदेश में प्रथम चरण में 6 हजार 536 शासकीय प्राथमिक शाला में 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए बालवाड़ी शुरू की जानी है। मौजूदा समय में छत्तीसगढ़ में 3-6 वर्ष की आयु के 10 लाख 16 हजार 281 बच्चे हैं, जो 52 हजार 474 आगनबाड़ियों में नामांकित हैं।
कार्यशाला में प्रथम दिवस प्रारंभिक बाल्यावस्था, देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) यूनिसेफ की शिक्षा विशेषज्ञ सुनिशा आहूजा अपने विचार व्यक्त करेंगी। राज्य योजना आयोग के शिक्षा सलाहकार मिताक्षरा कुमारी शिक्षण, अधिगम और बालवाड़ी विषय पर, इग्नू की प्रो. रेखा शर्मा सेन, सयंतानी कार्यकारी निदेशक आह्वान ट्रस्ट और यूनिसेफ की शिक्षा विशेष सुनिशा आहूजा की समूह चर्चा होगी। द्वितीय सत्र की समूह चर्चा में क्षमता वृद्धि और बालवाड़ी में शिक्षक प्रशिक्षण विषय पर सीएलआर पूर्व संचालक चितरंजन कौल, एड्यूवीव फाउंडेशन एंड विवर्स एजुकेशन सॉल्यूशन के डायरेक्टर अमिता कौशिक, विशेषज्ञ प्रारंभिक बाल्यावस्था एवं शिक्षा सावित्री सिंह, विषय-विशेषज्ञ यूनिसेफ छाया कंवर शामिल होंगे। इसके पश्चात छत्तीसगढ़ राज्य के साथ निजी स्वयं सेवी संस्थाओं आह्वान, एपीएफ, सीएलआर, पार्थम बुक, अरविन्दो सोसायटी, दोस्त एजुकेशन की सहभागिता का सत्र होगा।
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