यहाँ छिंद के पत्तों से बने भोजन मण्डप में बैठ कर दोपहर का भोजन किया।परिवारजनों ने सरई(साल)के पत्ते से बने पत्तल व दोने में भोजन परोसा। मु...
यहाँ छिंद के पत्तों से बने भोजन मण्डप में बैठ कर दोपहर का भोजन किया।परिवारजनों ने सरई(साल)के पत्ते से बने पत्तल व दोने में भोजन परोसा। मुख्यमंत्री बघेल ने सैगुड़ा(ईड़हर ->कोचई पत्ते से बना)सब्जी, चौलाई भाजी, चना+प्याज भाजी, मुनगा सब्जी, हिरवा + लाल भाजी,कर्मता भाजी,कांदा भाजी, कोयलारी भाजी,मड़िया पेज, चांवल,रोटी, सलाद(गाजर+खीरा+टमाटर+नींबू) हिरवा दाल का स्वाद लिया।मुख्यमंत्री ने बड़े ही चाव से भोजन का आनंद लिया।
मुख्यमंत्री के साथ मंडावी ने बैठ कर भोजन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मंडावी से उनके जमीन के बारे में पूछा, वनपट्टा है कि नहीं ।इस पर मंडावी ने बताया कि उनके पास जमीन नहीं है। मुख्यमंत्री ने उन्हें राजीव गांधी भूमिहीन किसान न्याय योजना का लाभ लेने कहा और बताया कि इस योजना में 7 हज़ार रुपए मिलेगा।मुख्यमंत्री ने स्वादिष्ट व्यंजन के लिए परिवारजनों को उपहार भेंट कर धन्यवाद दिया।भोजन के पश्चात पूरे परिवार ने मुख्यमंत्री के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई।श्री मंडावी ने बताया कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है कि मुख्यमंत्री मेरे घर पधारे हैं।हर किसी को यह सौभाग्य नहीं मिलता।उन्होंने कहा कि मुझे शासकीय योजनाओं का लाभ जैसे राशन कार्ड, श्रम कार्ड, आयुष्मान कार्ड का लाभ मिल रहा है।
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