जनसंपर्क विभाग द्वारा राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में लगाई गई विकास प्रदर्शनी को जांजगीर चांपा जिले के ग्रामीणों और...
जनसंपर्क विभाग द्वारा राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में लगाई गई विकास प्रदर्शनी को जांजगीर चांपा जिले के ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने उत्साह के साथ देखा। प्रदर्शनी देखकर ग्रामीणों ने कहा कि प्रदर्शनी में राज्य सरकार के नीतियों, निर्णयों और कार्यो की जानकारी के साथ-साथ प्रदेश के किसानों, गरीबों और महिला की आर्थिक समृद्धि दिख रही है। किसानों ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी योजना, ग्रामीण रूरल इंड्रस्ट्रिज के रूप में विकसित गौठानों मंे महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है। वहीं राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए किसानों को अदान सहायता राशि मिल रही है। इसके साथ ही राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना से राज्य के किसानों, गरीबों और महिलाओं सहित सभी वर्गो को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए योजना संचालित की जा रही है।
गौरतलब है कि जनसंपर्क विभाग द्वारा स्वर्गीय राजीव गांधी जी के पुण्यतिथि 21 मई से राज्य सरकार के तीन सालों की उपलब्धियों पर आधारित विकास प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यह प्रदर्शनी चालू माह के 21 जून तक चलेगा। विकास प्रदर्शनी को देखने सैकड़ों की संख्या में प्रदेश के विभिन्न जिलों के जनप्रतिनिधि व ग्रामीण पहुंच रहे हैं। प्रदर्शनी में पिछले 3 साल की उपलब्धियों, योजनाओं के क्रियान्वयन आदि को बहुत ही आकर्षक फोटो और वीडियो के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की विस्तृत जानकारी के फोल्डर और पुस्तिकाओं का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है।इसी कड़ी में जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा, डभरा, पामगढ़, सक्ती विकासखंड के बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। ग्राम पंचायत बछौद के जनप्रतिनिधियों ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना से किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं। गौठानो के माध्यम से गांव में ही जैविक खाद उपलब्ध होने के कारण लोग रासायनिक खाद का उपयोग कम कर रहे हैं। इससे उत्पाद पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक हुआ है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से धान सहित अन्य अन्य उत्पादों का उचित मूल्य मिल जाने से युवा वर्ग भी खेती किसानी के प्रति आकर्षित हुए हैं।
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