बेमेतरा प्रदेश सरकार राज्य के जरूरत मंद व्यक्तियों एवं परिवारों के लिए लगातार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्हें लाभांवित कर उनके आर्थि...
बेमेतरा प्रदेश सरकार राज्य के जरूरत मंद व्यक्तियों एवं परिवारों के लिए लगातार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्हें लाभांवित कर उनके आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में प्रयासरत है। प्रदेश सरकार द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना पौनी-पसारी व्यवसाय से जुड़े लोगों, भूमिहीन कृषि मजदूरों को आर्थिक मदद देने एवं उनकी उन्नति के लिए संचालित किया जा रहा है।
बेमेतरा जिले में राजीव गांधी भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजना अंतर्गत पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन कर उन्हें योजना का लाभ देने का कार्य किया जा रहा है। जिससे कि पात्र हितग्राहियों को आर्थिक रूप से मदद मिल सके। इस योजना से नवागढ़ जनपद की धोबनीकला निवासी रेखालाल पिता सदाशिव उम्र 70 वर्ष को लाभांवित किया गया है। श्री रेखालाल कहा कि राजीव गांधी भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए सहारा बनी है। उनके परिवार के पास स्वयं की कोई कृषि भूमि नहीं है। उनके परिवार की स्थिति आर्थिक रूप से कमजोर है और वे रोजी मजदूरी कर अपना जीवनयापन करता है। उन्होंने बताया कि भूमिहीन मजदूर परिवारों के लिए प्रदेश सरकार ने बहुत ही सराहनीय पहल शुरू की है। ऐसे परिवार जिनका मजदूरी के अलावा कोई अतिरिक्त आय का स्त्रोत नहीं है। आज उन्हें भी आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सार्थक योजना का प्रारंभ किया है। जिसका निश्चित रूप से लाभ मिल रहा है।
श्री रेखालाल ने प्रदेश सरकार को राजीव गांधी भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजना प्रारंभ करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि होली और दिवाली जैसी त्योहारों में शासन द्वारा राशि हस्तांतरण के फलस्वरूप उनके घरों में दिवाली के दिए और होली में रंगों की छटा उनके जीवन को रंगीन कर देती है। इस योजना से उनका परिवार स्वाभिमान पूर्वक जीवन यापन करने में सशक्त हुआ है। आर्थिक मदद मिलने के परिणाम स्वरूप आज मैं किसी व्यक्ति के सामने हाथ फैलाने के लिए बाध्य नहीं हूं। कार्यालय जनपद पंचायत नवागढ़ के राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के नोडल अधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार प्रारंभ से लोकहितैषी योजनाओं के माध्यम से आम नागरिकों को निरंतर लाभ पहुंचा रही है। योजना के तहत् भूमिहीन कृषि मजदूर व्यक्ति जिनके पास कोई कृषि भूमि न हो साथ ही जिनके जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम करना है ऐसे परिवार को 7000 रूपए वार्षिक रूप से प्रदान किया जा रहा है। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ाई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे परंपरागत व्यवसाय एवं वनोपज संग्राहक परिवार को लाभ दिया जा रहा है।
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