शासकीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय भरुवाडीह कला में शाला प्रवेश उत्सव एवं नव पदस्थ शिक्षकों का स्वागत सम्मान , नवनिर्वाचित शाला प्र...
शासकीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय भरुवाडीह कला में शाला प्रवेश उत्सव एवं नव पदस्थ शिक्षकों का स्वागत सम्मान , नवनिर्वाचित शाला प्रबंधन एवं विकास समिति सदस्यों का शपथ ग्रहण तथा हिमाचल चौबे सर का विदाई कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम में नव प्रवेशी छात्र-छात्राओं को तिलक लगाकर ,मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया गया ।साथ ही शासन की योजना अनुसार निशुल्क पाठ्य पुस्तक एवं गणवेश वितरण किया गया। इसके अलावा शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के सदस्यों का शपथ ग्रहण भी कराया गया जिसमें नव निर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, शिक्षाविद एवं सदस्यों को शपथ ग्रहण कराया गया।
विद्यालय में पदोन्नत होकर आने वाले गणित शिक्षक कृष्ण किशोर साहू एवं विज्ञान शिक्षक वीरेंद्र कुमार वर्मा का स्वागत सम्मान किया गया ,उन्हें पेन डायरी ,बैग ,श्रीफल आदि देकर सम्मानित किया गया। शासकीय प्राथमिक शाला भरुवाडीह कला के सहायक शिक्षक हिमाचल चौबे जी जो उच्च श्रेणी शिक्षक में पदोन्नत होने के कारण उन्हें विद्यालय परिवार की तरफ से श्रीफल ,शाल एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया एवं विदाई दी गई ।इस अवसर पर शाला प्रबंधन समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सुरेन्द्र निषाद ने छात्र-छात्राओं को नियमित उपस्थिति एवं अध्ययन के लिए आशीर्वचन प्रदान किया। इस अवसर पर शिक्षाविद भगत निषाद ने पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक शिक्षा पर भी बल देने को कहा।
संस्था के प्रधान पाठक दिनेश कुमार वर्मा ने अपने उद्बोधन कहा कि शिक्षा वह यंत्र है जिससे जीवन के अंधकार को दूर किया जा सकता है, उन्होंने नव प्रवेशी बच्चों से कहा कि शिक्षा द्वारा उत्तम व्यक्ति का निर्माण किया जा सकता है ,शिक्षा से हम कोई भी चुनौती का सामना आसानी से कर सकते हैं । इस कार्यक्रम में प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक परदेशी राम वर्मा शिक्षिका ज्योति वर्मा शिक्षक हरप्रसाद शुक्ला संकुल समन्वयक हिमाचल चौबे , समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र निषाद उपाध्यक्ष रुकमणी निषाद, शिक्षाविद भगतराम निषाद समस्त सदस्यगण साथ ही प्रगति स्व सहायता समूह के सभी महिला सदस्य एवं प्राथमिक शाला के महिला समूह के सदस्य , सरपंच प्रतिनिधि कपिल निषाद , स्थानीय ग्रामीण जन, प्राथमिक एवं मिडिल के विद्यार्थी गण उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन नेमचंद धीवर सर के द्वारा किया गया।
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