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लंबे समय से एक ही अस्पताल में सेवा दे रहे डॉक्टर, कइयों के है खुद के अस्पताल...

रायपुर। राज्य के सैकड़ो डॉक्टर अपनी प्रथम नियुक्ति दिनांक से आज दिनांक तक एक ही अस्पतालों में सेवा दे रहे हैं। यह ऐसे डॉक्टर है जो चिकित्सा ...

रायपुर। राज्य के सैकड़ो डॉक्टर अपनी प्रथम नियुक्ति दिनांक से आज दिनांक तक एक ही अस्पतालों में सेवा दे रहे हैं। यह ऐसे डॉक्टर है जो चिकित्सा महाविद्यालय एवं जिला चिकित्सालय में नियुक्ति के बाद से एक ही स्थान पर जमे हैं। इनमें से कई तो प्राइवेट अस्पतालों का संचालन भी कर रहे हैं। विधानसभा मानसून सत्र के दौरान बुधवार को सदन में स्वास्थ्य मंत्री ने इसकी जानकारी दी।

विधायक विनायक गोयल ने स्वास्थ्य मंत्री से प्रश्न पूछा था कि प्रदेश में से कितने डॉक्टर हैं जो चिकित्सा महाविद्यालय एवं जिला चिकित्सालय में अपनी प्रथम नियुक्ति दिनांक से लेकर आज तक एक ही स्थान पर पदस्थ हैं और साथ में अपने निजी चिकित्सालय या क्लीनिक का संचालन भी कर रहे हैं। इसके अलावा क्या चिकित्सा महाविद्यालय एवं जिला चिकित्सालय में भारत सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान योजना का प्रबंधन एवं वित्तीय प्रभार संविदा कर्मचारियों को दिया जा सकता है? यदि हां तो कहां-कहां दिया गया? कृपया सूची प्रदान करें चिकित्सा महाविद्यालय में ग्रीष्मकालीन अवकाश नॉन क्लीनिकल और क्लीनिकल विभाग के किन-किन डॉक्टर को जाने की पात्रता है?

जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 749 डॉक्टर अपनी प्रथम नियुक्ति दिनांक से लेकर आज तक एक ही स्थान पर पदस्थ हैं। एवं इनमें से 131 डॉक्टर निजी चिकित्सालय या क्लीनिक का संचालन कर रहे हैं। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबंध चिकित्सालय में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को आयुष्मान योजना का प्रबंधन एवं वित्तीय प्रभार नहीं दिया गया है। चिकित्सा महाविद्यालय में ग्रीष्मकालीन अवकाश के लिए समस्त चिकित्सा शिक्षक पात्र हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में 10 हजार पदों पर भर्ती

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री श्‍याम बिहारी जायसवाल ने आज सदन में बताया कि विभाग में 10 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। इनमें 1079 डॉक्‍टर, 8084 स्‍टाफ नर्स और भृत के साथ 232 प्रोफेसर आदि पद शामिल हैं। प्रदेश के सरकारी अस्‍पतालों में डॉक्‍टरों की कमी स्‍वीकार करते हुए मंत्री ने पूरे सदन से अपील की कि कहीं भी कोई डॉक्‍टर यदि सेवा देने को तैयार है तो सरकार 24 घंटे के अंदर उन्‍हें नियुक्ति दे दी।

इसके साथ ही मंत्री जायसवाल ने बैकुंठपुर जिला अस्‍पताल में सिविल सर्जन की नियुक्ति 15 दिन में कर देने का अश्‍वासन दिया। इसके साथ ही उन्‍होंने इसी समय अवधि में 2 से 3 विशेषज्ञ चिकित्‍सक और मेडिकल आफिसर सभी पदों पर नियुक्ति कर देने का भरोसा दिलाया। यह मामला प्रश्‍नकाल के दौरान हुआ। भईया लाल राजवाड़े के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने बताया कि बैकुंठपुर जिला अस्‍पातल में 188 पद स्‍वीकृत हैं। इनमें 111 लोग कार्यरत हैं। इस सवाल के दौरान कई विधायकों ने उनके क्षेत्र में डॉक्‍टरों की कमी का मुद्दा उठाया।

इस दौरान दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव ने दुर्ग जिला अस्‍पताल में डिलवरी के मामलों में टंका खुलने का मुद्दा उठाया। मंत्री ने बताया कि दुर्ग जिला अस्‍पताल में बीते 2 वर्ष 6214 सर्जरी हुई। 16 का टांका खुलने की शिकायत मिली है। 6 महीने से किसी तरह की शिकायत नहीं मिली है। इस पर यादव ने कहा कि 15 दिन पहले ही मैंने एक मरीज को वापस भर्ती कराया हूं। लापरवाही हो रही है।

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