हाथरस। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हाथरस पहुंचे। सीएम ने यहां सर्किट हाउस में पहुंचकर हालात का जायजा लिया। सीएम योगी अस्पताल ...
हाथरस। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हाथरस पहुंचे। सीएम ने यहां सर्किट हाउस में पहुंचकर हालात का जायजा लिया। सीएम योगी अस्पताल में पहुंचकर घायलों को हालचाल लिया। बता दें, हाथरस में मंगलवार को सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस घटना में 121 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है और 28 लोग घायल हैं।
सीएम योगी ने सोशल मीडिया एक्स पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में घायल हुए लोगों से आज अस्पताल में भेंट कर उनका कुशल-क्षेम जाना और चिकित्सकों से उनके उपचार के संबंध में जानकारी प्राप्त की। कुशल चिकित्सकों के नेतृत्व में सभी का समुचित उपचार शीर्ष प्राथमिकता पर किया जा रहा है। इस कठिन समय में राज्य सरकार पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ पीड़ितों और उनके परिवार के साथ खड़ी है। सभी घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति हो, प्रभु श्री राम से यही प्रार्थना है।'
हाथरस में हुई एक भीषण घटना में 121 लोगों की मौत हो गई है। पूरे देश को झकझोर देने वाली यह घटना तब हुई जब नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) के सत्संग के बाद उनका चरण रज लेने और दर्शन करने के लिए लोग आतुर हो गए। मरने वालों में अधिकतर महिलाएं शामिल हैं। यह सन 1954 में हुए प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद प्रदेश में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा हादसा है।
केंद्र और राज्य सरकार ने कया मुआवजे का ऐलान
केंद्र और राज्य सरकार ने मृतकों के परिवार वालों को दो-दो लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री समेत कई नेताओं ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
बताया जा रहा है कि इस सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की उपस्थिति की प्रशासनिक अनुमति थी लेकिन मौके पर डेढ़ लाख से अधिक लोग पहुंच गए। इसके चलते भीड़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था औंधे मुंह हो गई। लोग सड़क किनारे के फिसलन भरे गड्ढे में गिरने लगे। पीछे से भीड़ का दबाव, नदारद भीड़ प्रबंधन और इसके चलते हुई भगदड़ ने भयावह रूप ले लिया।
एक सिपाही की भी मौत
इस हादसे के बाद मौके पर चारों ओर चीख पुकार मच गई। लोग अपने स्वजन को खोजने में परेशान थे, महिलाओं के कुछ शवों से लिपटकर उनके बच्चे व परिजन विलाप कर रहे थे। चारों ओर मानों मौत का राज था। हालात इतने हृदयविदारक थे कि ड्यूटी में पहुंचे एक सिपाही रवि कुमार की हृदयाघात से मृत्यु हो गई।
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