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टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली एजीआर बकाया वसूली पर राहत

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन समेत बड़ी टेलिकॉम कंपनियों को बड़ा झटका देते हुए बकाया (एजीआर) वसूली से जुड़ी उनकी क्यूरेटिव याचिका को ख...

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन समेत बड़ी टेलिकॉम कंपनियों को बड़ा झटका देते हुए बकाया (एजीआर) वसूली से जुड़ी उनकी क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया है. टेलिकॉम कंपनियों पर सरकार का करीब 1.7 लाख करोड़ बकाया है. टेलिकॉम कंपनियों ने एजीआर वसूली में गड़बड़ी की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोर्ट ने एक बार फिर उनकी याचिक खारिज कर दी. यह वोडाफोन के लिए बड़ा झटका है. क्योंकि अकेले वोडाफोन की करीब 70 हजार करोड़ रुपये की देनदारी बनती है. 

सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में भी टेलिकॉम कंपनियों की याचिका को खारिज कर दिया था. तब सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों को 92 हजार करोड़ रुपये तीन महीने के अंदर जमा करने का आदेश दिया गया था. इस आदेश के खिलाफ टेलिकॉम कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा फिर खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर एक और आदेश जारी कर कंपनियों को 10 साल की अवधि में सारा बकाया जमा करने को कहा था.

इसके खिलाफ कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट मे रिव्यू पिटिशन फाइल की थी, जो रद्द हो गई थी. 2023 मे कंपनियों ने फिर क्यूरेटिव पिटिशन के जरिए राहत की मांग की थी, लेकिन गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसे भी खारिज कर दिया. बता दें कि क्यूरेटिव याचिका को जज चैंबर में सुनते हैं. कंपनियों ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से गुजारिश की थी कि इस मामले की सुनवाई ओपन कोर्ट में की जाए, जिसे भी कोर्ट ने खारिज किया. 30 अगस्त को चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस गवई की बेंच बैठी थी. चैंबर में यह फैसला लिया गया कि याचिका में मेरिट नहीं है. ओपन कोर्ट में सुनवाई की मांग को भी खारिज कर दिया गया. 


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