Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

ब्रेकिंग

latest
//

एमसीडी कमेटी चुनाव से ठीक पहले केंद्र ने बढ़ाई एलजी की पावर, अब आयोग-बोर्ड का गठन और नियुक्तियां भी कर सकेंगे

  नई दिल्ली। एमसीडी में 12 वार्ड समितियों के चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली के उपराज्यपाल को शक्तियां बढ़ा दी हैं. इसका नोटिफिकेशन...

 


नई दिल्ली। एमसीडी में 12 वार्ड समितियों के चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली के उपराज्यपाल को शक्तियां बढ़ा दी हैं. इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. एलजी को अब दिल्ली महिला आयोग, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग जैसे किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड और आयोग के गठन का पूर्ण अधिकार दे दिया गया है. गजट नोटिफिकेशन में कहा गया, 'राष्ट्रपति ने संसद द्वारा अधिनियमित कानूनों के तहत दिल्ली के लिए किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकाय का गठन और सदस्यों की नियुक्ति करने की शक्ति उपराज्यपाल को सौंपी है.'

गजट अधिसूचना के सार्वजनिक होने के तुरंत बाद लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने बड़ा कदम उठाया है और एमसीडी वार्ड समिति चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति की है. इससे पहले मंगलवार देर शाम मेयर शैली ओबेरॉय ने चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति करने से इनकार कर दिया था. शैली का कहना था कि उनकी अंतरात्मा उन्हें 'अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया' में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं देती है. अब उपराज्यपाल ने आदेश दिया है कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्थायी समिति के सदस्यों के पदों के लिए चुनाव निर्धारित कार्यक्रम (4 सितंबर) के अनुसार ही होंगे. 

अधिसूचना में क्या कहा गया? 

फिलहाल, अधिसूचना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 (1992 का 1) की धारा 45डी के साथ संविधान के अनुच्छेद 239 के खंड (1) के तहत जारी की गई है. अधिसूचना में कहा गया है, राष्ट्रपति निर्देश देती हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल, राष्ट्रपति के नियंत्रण के अधीन रहते हुए तथा अगले आदेश तक उक्त अधिनियम की धारा 45डी के खंड (क) के अधीन राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग किसी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय के गठन के लिए करेंगे. चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाता हो या ऐसे प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय में किसी सरकारी अधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति के लिए करेंगे.

संविधान का अनुच्छेद 239 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से संबंधित है. इसमें कहा गया है, संसद द्वारा कानून द्वारा अन्यथा प्रदान किए गए को छोड़कर, प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश को राष्ट्रपति द्वारा उस सीमा तक प्रशासित किया जाएगा, जहां तक वह उचित समझे. एक प्रशासक के माध्यम से जिसे वह निर्दिष्ट पदनाम के साथ नियुक्त करेगा.


No comments

दुनिया

//