जम्मू-कश्मीर। एग्जिट पोल में बीजेपी को पार्टी के इंटरनल सर्वे के अनुसार ही सीटें मिलती दिख रही हैं। बीजेपी का अनुमान है कि उसे 33 सीटों पर ज...
जम्मू-कश्मीर। एग्जिट पोल में बीजेपी को पार्टी के इंटरनल सर्वे के अनुसार ही सीटें मिलती दिख रही हैं। बीजेपी का अनुमान है कि उसे 33 सीटों पर जीत मिल सकती है। इनमें से 32 सीटें जम्मू में और 1 सीट घाटी में मिल सकती है। पार्टी को पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और APNI पार्टी के भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। इस स्थिति में जम्मू और कश्मीर में अगली सरकार कौन बनाएगा, ये नामित विधायकों की भूमिका पर निर्भर करेगा।
5 अक्टूबर की शाम को एग्जिट पोल आने के बाद महबूबा मुफ्ती की पार्टी ने कहा कि वह जरूरत पड़ी तो कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपना समर्थन देगी। हालांकि बीजेपी के इंटरनल सर्वे के मुताबिक राशिद इंजीनियर और महबूबा की पार्टी 7 सीटों पर सिमट सकती हैं। यानी दोनों पार्टियों की सीटों की संख्या सात हो सकती है। ऐसे में अगर पीडीपी का आंकड़ा बहुत कम होता है, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
जम्मू और कश्मीर विधानसभा के चुनावी नतीजे हरियाणा के साथ 8 अक्टूबर को आएंगे। दोपहर तक स्थिति साफ हो जाएगी। हालांकि विधानसभा की पहली बैठक से पहले उपराज्यपाल पांच विधायकों को नामांकित कर सकते हैं। बहुमत परीक्षण के दौरान ये विधायक भी वोटिंग में हिस्सा लेंगे। पांच नामांकित विधायकों के वोटिंग में हिस्सा लेने पर बहुमत का आंकड़ा 48 हो जाएगा। जम्मू और कश्मीर में 90 सीटें हैं और बिना नामांकित विधायकों के बहुमत का आंकड़ा 46 है।
एलजी का फैसला तय करेगा अगली सरकार
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जम्मू कश्मीर रि-ऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 के जरिए पांच विधायकों को नामांकित कर सकते हैं। इस एक्ट को 26 जुलाई 2023 को संशोधित किया गया था। जम्मू और कश्मीर में विधानसभा पुडुचेरी मॉडल पर आधारित है। पुडुचेरी में भी तीन विधायक नामांकित किए जाते हैं। ये जनता के चुने हुए विधायकों की तरह ही काम करते हैं। पुडुचेरी में पूर्व एलजी किरण बेदी ने दो सदस्यों को बिना कांग्रेस सरकार की सलाह के ही नॉमिनेट कर दिया था।
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