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रिश्वत लेते हुए पटवारी और कोटवार हुए गिरफ्तार, ऋण पुस्तिका देने के लिए मांगी थी 90 हजार घूस, एसीबी ने की कार्रवाई

रायपुर। भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) लगातार कार्रवाई कर रही है। मंगलवार को एसीबी ने दुर्ग जिले के पाटन में पटवारी और कोटवा...


रायपुर। भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) लगातार कार्रवाई कर रही है। मंगलवार को एसीबी ने दुर्ग जिले के पाटन में पटवारी और कोटवार को 20 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

दरअसल, एसीबी ने सुरपा तहसील पाटन पटवारी चिन्मय अग्रवाल और उसके सहयोगी कोटवार भूषण लाल टेमरी को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। पटवारी ने जमीन के प्रमाणीकरण कर ऋण पुस्तिका देने के नाम पर 90 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी।

पाटन के रानीतराई निवासी प्रकाशचन्द्र देवांगन ने एन्टी करप्शन ब्यूरो कार्यालय में शिकायत की गई थी कि, उनकी माता के नाम से ग्राम सुरपा तहसील पाटन में कृषि जमीन खरीदा गया था। जमीन के प्रमाणीकरण कर ऋण पुस्तिका देने के लिए पटवारी चिन्मय अग्रवाल ने 90 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी।

प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सही पाने के बाद मोलभाव कर 70 हजार रुपए घूस की रकम देने की सहमति हुई थी। प्रार्थी ने घूस की पहली किश्त 20 हजार की व्यवस्था की और पटवारी चिन्मय अग्रवाल पटवारी, उसके सहयोगी कोटवार भूषण लाल टेमरी को पैसा दिया। जिन्हें एसीबी के अधिकारियों ने रिश्वत लेते दोनों को रंगे हाथों पकड़ा गया।  प्रकाश चन्द्र देवांगन ने जो घूस की रकम दी, उस नोट पर एसीबी कार्यालय से पाउडर लगे नोट दिए गए थे। 24 दिसंबर को 2024 की दोपहर जैसे प्रकाशचन्द्र ने कार्यालय जाकर रिश्वत की रकम दी, पीछे से एसीबी की टीम वहां पहुंच गई। उन्होंने दोनों आरोपियों के पास से रिश्वत की रकम को जब्त कर लिया है।

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